सुप्रीम कोर्ट की ओर से बीएड और डीएलएड के समक्ष बहुत ही बड़ा फैसला सुनाया गया है इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बीएड के पक्ष में सुनाया है।
देशभर में बीएड और डीएलएड का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है इसके ऊपर कई बार सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी बड़े-बड़े फैसले निर्णय सुना हैं लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बीएड डिग्री धारी युवाओं के लिए एक बहुत ही बड़ा फैसला दिया गया है यह फैसला आने के बाद बीएड डिग्री धारी को बहुत ही बड़ी राहत मिली है सुप्रीम कोर्ट ने वकायदा एक आदेश जारी किया है जो आदेश पूरे देश भर के लिए है।
जानकारी के मुताबिक बता दें कि प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए बीएड योग्य धारी अभ्यर्थी मान्य नहीं है इस समस्या को देखते हुए कई भारतीयों में बा डिग्री धारी लेवल वन में पास होकर नियुक्ति का चुके हैंसु प्रीम कोर्ट के अनुसार B.A डिग्री धारी प्राइमरी शिक्षक भर्ती को लेकर बड़ी राहत भरी खबर है अदालत की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि जो भारतीय 11 अगस्त 2023 से पहले आयोजित करवाई गई थी उन पर 11 अगस्त 2023 के फैसले का असर नहीं होगा।
यानी उन्होंने कहा है कि 11 अगस्त 2023 का जो फैसला कोर्ट की ओर से आया थाउससे पहले जो भी वैकेंसी आयोजित हुई थी उसे फैसले का असर उन पर नहीं पड़ेगा हालांकि हाई कोर्ट ने यह भी कहा है की अदालत से उनकी योग्यता के बारे में कोई आदेश नहीं होना चाहिएसुप्रीम कोर्ट का यह भी आदेश पूरे देश के लिए आए हैंकी सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2023 के अपने फेस लेकर तहत यह भी कहा गया था कि केवल डिप्लोमा धारी अभ्यर्थी ही प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ने के लिएयोग्य होंगे लेवल प्रथम परीक्षा केवल पहले से पांचवी तकपढ़ने के लिए मान्य है वहीं बीएड अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनसीटीई राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद द्वारा जारी किए गए गजक नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया था जिसमें बीएड डिग्री डायरेक्टलेवल फर्स्ट शिक्षक भर्ती के लिए योग्य कर रखा गया था नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की ओर से जारी की गई अधिसूचना में यह भी कहा गया था कि अगर बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थी लेवल वन में पास होते हैं तो उन्हें नियुक्ति के बाद 6 महीना में ब्रिज क्रॉस करना अनिवार्य होगा।
हम आपको यह रिपोर्ट दैनिक जागरण अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक उपलब्ध करवा रहे हैं जिसमें यह संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है जिसमें बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अनिरुद्ध बस और जस्टिस सुदास दूरियां की पीठ में सोमवार 8 अप्रैल को सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया है जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2023 से पहले के जारी हुए प्राइमरी शिक्षक भर्ती विज्ञापनों में अगर बीएड योग्य लिखा गया है तो उन लोगों को नौकरी रहेगी उनकी नौकरी नहीं छीनी जाएगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार की फैसले का स्पष्टीकरण मांगने वाली याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया है बहुत से प्रभावित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट को याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से आदेश में संशोधन करने और स्पष्टीकरण की गुहार भी कुछ समय पहले लगाई गई थी इस फैसले से बहुत ही बड़ी संख्या में बीएड पास अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक प्राथमिक प्रभावित भी हुए है।